Page 38 - ABHIVYAKTI - VOL 4.1
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सोने क च ड़या कहलाने वाला ‘भारत’
‘भारत’ जो न के वल एक देश है ब क हर भारतीय के दय का एक टुकड़ा है | न जाने
कतने धम , कतनी भाषाएं बोली जाती ह यहां | क मीर से लेकर क याकु मारी तक,
गुजरात से लेकर अ णाचल देश तक हर कोई अपने देश क सेवा म मगन है | कह
कोई ओलं पक म गो मेडल लाकर अपने देश का नाम रोशन कर रहा है, तो कह कोई
पढ़ - लखकर आगे बढ़ रहा है | कह कोई एक नया आ व कार कर चं मा पर अपने
देश का झंडा लहरा रहा हैतो कह कोई समु के नीचे छपे रह य का पता लगा रहा है |
हर कोई बस अपने देश का नाम रोशन करने क रट लगाए बैठा आ है |
पर न जाने वह सोने क च ड़या कहलानेवाला भारत देश कहां वलु त हो गया है |
जस भारत के पास कभी अमे रका, टेन और स से भी यादा संप आ करती
थी, वही देश आज सबसे पीछे चल रहा है | जस भारत के पास कभी मय सहंसन,
को हनूर हीरा और ब त यादा सोना आ करता था, उसी देश को ना दर शाह,
मोह मद गजनवी और अं ेज लूटकर चले गए | जस भारत के पास सबसे यादा ान
से भरपूर नाल दा व व ालय आ करता था, उसे ब तहार खलजी जलाकर चले
गए | न जाने ऐसे और कतने हादसे ए जसने भारत को सोने क च ड़या से कं गाल
बना दया |
पर तु अब पुनः समय आ गया है, अपने देश को कं गाल से सोने क च ड़या बनाने का |
पर तु यह के वल धन और संप से ही नह होगा | इसके लए हम हमारे वचार को
बदलना होगा, अपने मन को नम ल बनाना होगा | एक देश अपनी जनता सेबनता है
और जनता अपने व चार से| य द व चार अ े तो जनता अ और य द जनता
अ तो देश अ ा | तो चलो सा थय आज सेही अपने देश को सोने क च ड़या
बनाने क और अपने देश का नाम रोशन करने क या ा आरंभ करते ह |
“जो न अब तक आ कर दखाएंगे हम,
गैर को भी गले से लगाएंगे हम |
अपने भारत को पुनः सोने क च ड़या बनाएंगे हम |”
NEYSA PANDYA
NEYSA PANDYA
STUDENT - GRADE 10
STUDENT - GRADE 10
NAND VIDYA NIKETAN
NAND VIDYA NIKETAN
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