Page 19 - Abhivyakti - Vol 4.3
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भारत म हमा
(क वता)
DR. MUNESH KUMAR SHARMA
VICE PRINCIPAL,
NEW ERA GLOBAL SCHOOL,
MORBI
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भारत का गणगान यहा गव ल स्वर म गात |
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पहन वीर कस रया बाना , समर भ म म जात ||
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बहती गगा – सी न दया हम उनको शीश नवात |
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जनक दशन पान स सब जन पावन हो जात ||
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चन्दन सम इसक म प्र त दन माथ पर लगात |
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लोग क तो बात ही क्या , यहा वक्ष भी पज जात ||
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रग – बरग फल खल, यहा पक्षी गाना गात |
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जनक मादक स्वर सनकर चलत राही रुक जात ||
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सत्य अ हसा और प्रम का गीत यहा हम गात |
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सबस पहल यहा छात्र को मानवता सखलात ||
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यही हमारी सस्क त ह , यही हमारी री त |
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अपन क तो बात ही क्या , गर स करत प्री त ||
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ऐसी पावन तपोभ म पग – पग पर मल लगत |
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त्योहार क धम दख ब आन दत होत ||
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